वे रेखाएं जो दो संप्रभु (Sovereign) देशों को अलग करती हैं अंतर्राष्ट्रीय सीमा रेखाएं कहलाती हैं | वास्तव में सीमा रेखा ऐसी रेखा है जो किसी भी देश की अधिकारिता और संप्रभुता के अधिकतम विस्तार को दर्शाती है | इन सीमा रेखाओं का निर्धारण भौगोलिक इकाई (जैसे-नदी, पर्वत, झील, दलदल आदि), देशांतर रेखा, अक्षांश रेखा आदि के सहारे किया जाता है | वर्तमान में जिस तरह से सीमा रेखाओं का निर्धारण हुआ है वह नवीन संकल्पना है क्योंकि आधुनिक काल से पूर्व सीमा रेखाओं के स्थान पर ‘सीमान्त (Margins)’ पाए जाते थे अर्थात एक ऐसा क्षेत्र होता था जिसके सहारे दो देशों या राज्यों की संप्रभुता का अंत होता था लेकिन जैसे-जैसे भूमि व अन्य संसाधनों की मानवीय जरुरत बढ़ती गयी सीमान्त सिकुड़कर सीमा रेखाओं में बदल गए |
सीमा रेखाओं का वर्गीकरण
उत्पत्ति के आधार पर सीमा रेखाओं को निम्नलिखित वर्गों में बाँटा जाता है-
1. अध्यारोपित(Superimposed)सीमा रेखाएं : ये ऐसी सीमा रेखाएं है जिनका निर्धारण वहां के निवासियों के द्वारा न होकर किसी बाहरी शक्ति (जैसे औपनिवेशिक सत्ता) ने किया था |
2. अवशेषी (Relic) सीमा रेखाएं : ऐसी सीमा रेखाएं जिनकी राजनीतिक मान्यता तो वर्तमान में समाप्त हो गयी है लेकिन समाज में वे अभी भी वास्तविक रूप से बनी हुई हैं |
3. पूर्ववर्ती (Antecedent) सीमा रेखाएं : जिन सीमा रेखाओं का निर्धारण वहां के समाज के विकसित होने से पूर्व ही हो गया होता है उन्हें पूर्ववर्ती सीमा रेखाएं कहते हैं |
4. परवर्ती (Subsequent) सीमा रेखाएं : जिन सीमा रेखाओं का निर्धारण वहां के समाज के विकसित होने के बाद होता है उन्हें परवर्ती सीमा रेखाएं कहते हैं |
देश अंतर्राष्ट्रीय सीमा रेखा
अफगानिस्तान-पकिस्तान डूरंड रेखा
भारत-चीन मैकमोहन रेखा
भारत-पाकिस्तान रेडक्लिफ रेखा
जर्मनी-फ्रांस सीगफ्रीड रेखा
पाकिस्तान-भारत (पकिस्तान सीमा निर्धारण के लिए इसे आधार बनाने का पक्षधर है लेकिन भारत इसका पक्षधर नहीं है)
लीबिया-सूडान 24 डिग्री सामानांतर
मिस्र-सूडान 20 डिग्री उत्तरी सामानांतर
उत्तर कोरिया-दक्षिण कोरिया 22 डिग्री उत्तरी सामानांतर
संयुक्त राज्य अमेरिका- कनाडा 38 डिग्री सामानांतर
फ्रांस- जर्मनी 49 डिग्री सामानांतर
जर्मनी-पोलैंड मैगीनॉट रेखा
रूस-फिनलैंड हिंडेनबर्ग रेखा
जर्मनी-फिनलैंड मार्जिनल/ मैनरहीम रेखा
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