भारत द्वारा विकसित की गई विभिन्न मिसाइल्स और उनकी विशेषताए :
आकाश :
मध्यम रेंज की यह मिसाइल धरती से हवा तक में मार कर सकती है और हवाई जहाज और धरती पर लगभग 30 किमी तक अपने टारगेट को निशाना बना सकती है।
त्रिशूल :
करीब नौ किमी तक मार करने की क्षमता रखने वाली 130 किलो वजनी यह मिसाइल अपने साथ 15 किलो तक विस्फोटक सामग्री ले जा सकती है।
नाग :
नाग को टैंक रोधी मिसाइल के रूप में जाना जाता है। यह अपने निशाने पर लिए युद्धक टैंक को पलक झपकते ही नेस्ताबूद कर सकती है।
पृथ्वी मिसाइल सीरीज :
भारत ने अपनी सैन्य क्षमता को और बढ़ाते हुए पृथ्वी मिसाइल की पूरी सीरीज विकसित की है और इस मिसाइल को अपने सैन्य बेड़े में प्रमुखता से शामिल किया है।
पृथ्वी 1 मिसाइल 150 किमी तक दुश्मन के ठिकानों को टारगेट कर सकती है और अपने साथ एक हजार किलो तक विस्फोटक सामग्री ले जा सकती है।
पृथ्वी 2 मिसाइल 250 से 350 किमी तक मार कर सकती है और यह अपने साथ 500 से 1000 किलो तक विस्फोटक सामग्री ले जा सकती है।
पृथ्वी 3 की रेंज को और बढ़ाया है। पृथ्वी—3 350 से 600 किलोमीटर तक के क्षेत्र में दुश्मन को ढूंढ ढूंढ कर मारती है और यह अपने साथ 250 से 500 किलो तक की विस्फोटक सामग्री ले जाती है।
इन तीनों मिसाइलों का उपयोग भारतीय सेना के तीनों अंग प्रमुखता से करते हैं।
अग्नि मिसाइल सीरीज :
पृथ्वी के बाद भारत ने अपनी मिसाइल क्षमता को और बढ़ाते हुए अग्नि नाम की सीरीज भी विकसित की है।
अग्नि 1 मिसाइल अपने छोड़े जाने के स्थान से 700 से 1200 किमी तक के क्षेत्र में दुश्मन के दांत खट्टे करती है।
अग्नि—2 मिसाइल 2000 से 2500 किमी,
अग्नि—3 3000 से 5000 किमी,
अग्नि—4 2500 से 3700 किमी,
अग्नि—5 5000 से 8000 और अग्नि—6 10000 से 12000 किमी तक अपने टारगेट को निशाना बना सकती है।
अग्नि मिसाइल विकसित कर भारत से पूरी दुनिया को यह संदेश दिया है कि वह अपने यहां से बैठे बैठे किसी भी दुश्मन देश के दांत खट्टे कर सकता है। वैसे भी भारत की मिसाइल विकसित करने की क्षमता का पूरी दुनिया ने लोहा माना है।
के(K) मिसाइल सीरीज :
भारत ने अपनी सैन्य मारक क्षमता को और बढ़ाते हुए के सीरीज की मिसाइल भी विकसित की है।
K- 15 मिसाइल— 10 मीटर लंबी यह मिसाइल 10 टन वजनी है और अपने साथ एक टन विस्फोटक सामग्री ले जा सकती है और 750 किमी तक मार कर सकती है। इसी प्रकार K- 4 मिसाइल 17 टन वजनी है और इसकी लंबाई भी 10 मीटर है, लेकिन यह मिसाइल 3500 से 5000 किमी के क्षेत्र में मार करने की क्षमता रखती है।
इसके अलावा अपने साथ यह एक टन से ढाई टन तक विस्फोटक सामग्री ले जा सकती है। K- 5 की मारक क्षमता 6000 किलोमीटर है और यह एक टन तक विस्फोटक सामग्री अपने साथ ले जा सकती है। साथ ही अभी यह मिसाइल5 परीक्षण के दौर से गुजर रही है।
इसके अलावा भारत ने अन्य मिसाइल भी विकसित की हैं और कुछ का विकास चल रहा है।
इनमे से सर्वप्रमुख हैं :
सूर्या,
ब्रह्मोस—1 और ब्रह्मोस—2,
निर्भय,
प्रहार,
अस्त्र और
हेलीना
आदि नाम से भी मिसाइल तकनीक विकसित की है।