वैदिक सभ्यता
प्राचीन भारत के इतिहास में वैदिक सभ्यता सबसे प्रारंभिक सभ्यता है जिसका संबंध आर्यों के आगमन से है। इसका नामकरण हिन्दुओं के प्रारम्भिक साहित्य वेदों के नाम पर किया गया है। वैदिक सभ्यता सरस्वती नदी के किनारे के क्षेत्र जिसमें आधुनिक भारत के पंजाब और हरियाणा राज्य आते हैं, में विकसित हुई। वैदिक आर्यों और हिन्दुओं का पर्यायवाची है, यह वेदों से निकले धार्मिक और आध्यात्मिक विचारों का दूसरा नाम है। बड़े पैमाने पर स्वीकार दृष्टिकोणों के अनुसार आर्यों का एक वर्ग भारतीय उप महाद्वीप की सीमाओं पर ईसा पूर्व 2000 के आसपास पहुंचा और पहले पंजाब में बस गया, और यही ऋगवेद के स्त्रोतों की रचना की गई।
आर्य जन जनजातियों में रहते थे और संस्कृत भाषा का उपयोग करते थे, जो भाषाओं के भारतीय - यूरोपीय समूह के थे। क्रमश: आर्य स्थानीय लोगों के साथ मिल जुल गए और आर्य जनजातियों तथा मूल अधिवासियों के बीच एक ऐतिहासिक संश्लेषण हुआ। यह संश्लेषण आगे चलकर हिन्दुत्व कहलाया। इस अवधि के दो महान ग्रंथ रामायण और महाभारत थे।
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