हड़प्पा सभ्यता:धर्म
हड़प्पा में पकी मिट्टी की स्त्री मूर्तिकाएं भारी संख्या में मिली हैं । एक मूर्ति में स्त्री के गर्भ से निकलता एक पौधा दिखाया गया है । विद्वानों के मत में यह पृथ्वी देवी की प्रतिमा है और इसका निकट संबंध पौधों के जन्म और वृद्धि से रहा होगा । इसलिए मालूम होता है कि यहां के लोग धरती को उर्वरता की देवी समझते थे और इसकी पूजा उसी तरह करते थे जिस तरह मिस्र के लोग नील नदी की देवी आइसिस् की । लेकिन प्राचीन मिस्र की तरह यहां का समाज भी मातृ प्रधान था कि नहीं यह कहना मुश्किल है । कुछ वैदिक सूक्तों में पृथ्वी माता की स्तुति है, किन्तु उनकों कोई प्रमुखता नहीं दी गई है । कालान्तर में ही हिन्दू धर्म में मातृदेवी को उच्च स्थान मिला है । ईसा की छठी सदी और उसके बाद से ही दुर्गा, अम्बा, चंडी आदि देवियों को आराध्य देवियों का स्थान मिला ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें