शुक्रवार, 25 मार्च 2016

दैनिक समाचार सारांश, 24 मार्च 2016

दैनिक समाचार सारांश, 24 मार्च 2016   


विश्व बैंक ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) को सहयोग देने का निर्णय किया:
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 23 मार्च 2016 को स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के लिए विश्व बैंक की 1,500 मिलियन डॉलर वाली परियोजना को मंजूरी दी गई।
  • यह परियोजना मूल रूप से मौजूदा एसबीएम-जी में राज्यों को उनके प्रदर्शन के आधार पर प्रोत्साहित करती है। मंत्रिमंडल द्वारा राज्यों को प्रोत्साहन की मंजूरी 24 सितंबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) को मंजूरी देते समय दी गई थी। वर्तमान अनुमोदन में विश्व बैंक ऋण के माध्यम से इस तरह के प्रोत्साहन की व्यवस्था का प्रावधान है।
  • अनुमोदित परियोजना के तहत राज्यों के प्रदर्शन को निश्चित मापदंडों के आधार पर मापा जाएगा, जिसे डिसबर्समेंट-लिंक्ड इंडीकेटर्स (डीएलआई) कहा जाता है। तीन डीएलआई इस प्रकार हैं:
    • खुले में शौच के मामलों में कमी: पिछले साल की तुलना में राज्यों में ग्रामीण परिवारों के बीच खुले में शौच के मामलों में कमी के आधार पर राज्यों को धन जारी किया जाएगा।
    • गांवों में खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) की स्थिति को कायम रखना: इसके तहत ओडीएफ गांवों में रहने वाली अनुमानित जनसंख्या के आधार पर फंड जारी किया जाएगा।
    • उन्नत ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन (SLWM) द्वारा ग्रामीण आबादी के प्रतिशत में वृद्धि: इस DL1 के तहत धन का आवंटन जनसंख्या के आधार पर किया जाएगा।
कौशल विकास तथा उद्यमिता मंत्रालय और संयुक्त अरब अमीरात के बीच आशय पत्र पर हस्ताक्षर:
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 23 मार्च 2016 को कौशल विकास तथा योग्यता मान्यता में सहयोग के लिए कौशल विकास तथा उद्यमिता मंत्रालय और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच 10 फरवरी 2016 को हुए समझौते की पूर्वव्यापी स्वीकृति दे दी।
  • इससे दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत होंगे तथा कौशल विकास और योग्यताओं की मान्यताओं पर द्विपक्षीय सहयोग का मार्ग प्रशस्त होगा। समझौते से कार्यबल की आवाजाही के कारण कौशल विकास तथा संयुक्त अरब अमीरात में नौकरियों के लिए युवाओं के प्लेसमेंट में मदद मिलेगी।
जम्मू एवं कश्मीर के लिए विशेष औद्योगिक पहल योजना 'उड़ान' की समय अवधि का विस्तार:
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 23 मार्च 2016 को जम्मू एवं कश्मीर के लिए विशेष औद्योगिक पहल योजना (एसआईआई जम्मू एवं कश्मीर) 'उड़ान' की समय को 2019-20 तक बढ़ाने की मंजूरी दी गई। आरंभ में 'उड़ान' की समय अवधि 2015-16 तक थी।
  • 'उड़ान' योजना जम्मू कश्मीर के युवाओं को राज्य में बेहतर कॉर्पोरेट भारत और कॉरपोरेट इंडिया के जरिए सर्वोत्तम अवसर उपलब्ध कराएगी। अभी तक, उडान के तहत राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के साथ 67 अग्रणी कॉरपोरेट्स जुड़ चुके हैं। जिनका लक्ष्य राज्य में संगठित रिटेल, बैंकिंग, वित्तीय सेवा, आईटी, आईटीईएस, इंफ्रास्ट्रक्चर, आदि में युवाओं को प्रशिक्षित करने करना है।
  • 19,000 से अधिक उम्मीदवारों का चयन हो चुका है, 15,000 से अधिक युवा प्रशिक्षण में शामिल हो चुके हैं। इनमें से 8700 उम्मीदवारों ने प्रशिक्षण पूरा कर लिया है और 6,838 को नौकरी की पेशकश मिल गई है। यह उम्मीद है कि इस योजना का लक्ष्य, 40,000 स्नातकों, स्नातकोत्तरों और तीन वर्षीय इंजीनियरिंग डिप्लोमा धारकों को रोजगार प्रदान करना है जिसे 2019-20 से हासिल किया जाएगा।
  • कार्यान्वयन की गति को तेज करने के लिए मेगा चयन ड्राइव की शुरूआत की गई है। प्रत्येक ड्राइव में लगभग 8-10 कॉरपोरेट्स भाग ले रहे हैं। अभी तक प्रदेश के सभी जिलों में 67 मेगा ड्राइव आय़ोजित किए जा चुके हैं।
  • 'उड़ान' एक राष्ट्रीय एकीकृत योजना है, जिसका लक्ष्य जम्मू-कश्मीर के युवाओं को देश के बाकी हिस्सों के साथ मुख्यधारा में साथ लाना है। यह योजना न केवल कौशल विकास और नौकरी के अवसर प्रदान करती है बल्कि जम्मू कश्मीर के युवाओं को कट्टरता और उग्रवाद से दूर करती है।
भारत के अशगाबाट समझौते में सम्मिलित होने को मंजूरी:
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 23 मार्च 2016 को भारत के अशगाबाट समझौते में सम्मिलित होने को मंजूरी दे दी। अशगाबाट समझौता मध्य एशिया एवं फारस की खाड़ी के बीच वस्तुओं की आवाजाही को सुगम बनाने वाला एक अंतर्राष्ट्रीय परिवहन एवं पारगमन गलियारा है।
  • अशगाबाट समझौते के संस्थापक सदस्यों में यमन, ईरान, तुर्कमेनिस्तान एवं उज़्बेकिस्तान शामिल हैं। इसके बाद इस समझौते से कजाकिस्तान भी जुड़ गया है। इस समझौते में सम्मिलित होने से भारत को यू‍रेशिया क्षेत्र के साथ व्यापार एवं व्यावसायिक मेल-जोल को बढ़ाने में इस मौजूदा परिवहन एवं पारगमन गलियारा का उपयोग करने में मदद मिलेगी।
  • इसके अतिरिक्त, यह संपर्क बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (आईएनएसटीसी) को क्रियान्वित करने के हमारे प्रयासों को समन्वित करेगा। अशगाबाट समझौते में भारत के सम्मिलित होने की इच्छा को अब डिपोजिटरी देश (तुर्कमेनिस्तान) को संप्रेषित कर दिया जाएगा। इसके संस्थापक सदस्यों की सहमति के बाद भारत इस समझौते का एक पक्ष बन जाएगा।
भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच राष्ट्रीय निवेश एवं ढांचागत कोष में दीर्घकालीक निवेश संघटित करने के लिएसमझौता ज्ञापन को मंजूरी:
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 23 मार्च 2016 को भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच 11 फरवरी 2016 को हस्ताक्षरित राष्ट्रीय निवेश एवं ढांचागत कोष (एनआईआईएफ) में दीर्घकालिक निवेश संघटित करने के लिए पूर्वव्यापी समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी।
  • एनआईआईएफ का उद्देश्य बाधित परियोजनाओं समेत, ग्रीनफ़ील्ड एवं ब्राउनफ़ील्ड दोनों ही प्रकार की व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य परियोजनाओं में मुख्य रूप से ढांचागत विकास के जरिये आर्थिक प्रभाव को अधि‍कतम बनाना है। एनआईआईएफ सामरिक स्थिरक साझीदारों से हिस्सेदारी साझेदारी की अपेक्षा रखेगा।
  • यह एमओयू एक पारदर्शी एवं उच्च स्तरीय संरचना एवं सहयोग मंच की स्थापना करने में मदद करेगा जिसके तहत दोनों देश एनआईआईएफ समेत भारत में उपयुक्त ढांचागत परियोजना एवं संस्थानों में यूएई के निवेश संस्थानों को विस्तारित करने एवं सुगम बनाने के तरीकों की खोज करने का ईरादा रखते हैं। यह इस प्रकार से किया जाएगा जो आपसी रूप से सहमत तरीकों के स्‍थापित निवेश मानदंडों एवं मानको के अनुरूप हों।
  • दोनों देशों के संबंधित प्रतिनिधियों से निर्मित एक संयुक्त कार्यसमूह इस समझौता ज्ञापन के तहत सहयोग को आगे ले जाएगा तथा संयुक्‍त रूप से शर्तों, सिद्धांतों एवं मानदंडों पर विचार-विमर्श करेगा तथा सहमति प्रदान करेगा।
कृषि के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और लिथुआनिया के बीच समझौता ज्ञापन:
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 23 मार्च 2016 को कृषि के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और लिथुआनिया के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए मंजूरी दी गई।
  • समझौता ज्ञापन बागवानी, फसल कटाई के बाद प्रबंधन, जैविक खेती, शीत भंडार विकास और कृषि प्रसंस्करण उद्योग, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन सहित दोनों देशों के बीच कृषि उत्पादन के क्षेत्र में सहयोग प्रदान करेगा। दोनों देशों के बीच सहयोग को द्विवार्षिक कार्ययोजना के माध्यम से किया जाएगा।
  • ऐसी संभावना है कि इस समझौता ज्ञापन से कृषि क्षेत्र के क्षमता निर्माण, वैज्ञानिकों और तकनीशियनों के बीच ज्ञान के आदान-प्रदान, आनुवंशिक संसाधनों के आदान-प्रदान, उचित प्रौद्योगिकियों के विकास एवं कृषि क्षेत्र में कृषि उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व मौसम विज्ञान दिवस-2016 मनाया गया:
  • विश्व मौसम विज्ञान दिवस-2016 (डब्ल्यूएमडी) 23 मार्च 2016 को मनाया गया, इस वर्ष इस दिवस का विषय था – गर्म, सूखा, भीगा - भविष्य का चेहरा।
  • डब्ल्यूएमडी-2016 के विषय द्वारा जलवायु परिवर्तन पर ध्यान केन्द्रित करने का प्रयास किया गया है क्योंकि बदलते मौसम के कारण मौसम में असमय एवं अप्राकृतिक परिवर्तन आ रहे हैं।
  • प्रत्येक वर्ष इस दिन जलवायु परिवर्तन से संबंधित शोध किये जाने पर पुरस्कार भी दिए जाते हैं। इस पुरस्कार में अन्तरराष्ट्रीय मौसम विज्ञान संगठन पुरस्कार, प्रोफेसर डॉ विल्हो वैसैला पुरस्कार एवं द नोरबर्ट गेबियअर मम्म अन्तरराष्ट्रीय पुरस्कार शामिल हैं।
  • 23 मार्च को मनाया जाने वाला अन्तरराष्ट्रीय मौसम विज्ञान वर्ष 1950 में विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) कन्वेंशन आरंभ किए जाने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
  • डब्ल्यूएमओ, मौसम विज्ञान की जानकारी देने के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी है। इसे 1951 में भू-विज्ञान एवं जल विज्ञान सम्बन्धी परिचालन के लिए आरंभ किया गया। इसका गठन अन्तरराष्ट्रीय मौसम विज्ञान संगठन (आईएमओ) से हुआ जिसे 1873 में आरंभ किया गया। वर्तमान में 189 सदस्य राष्ट्र इसमें शामिल हैं।

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