रविवार, 10 अप्रैल 2016

महत्वपूर्ण आर्थिक शाब्दावली

आज हम महत्वपूर्ण आर्थिक शाब्दावली पर विचार-विमर्श कर रहे है.अर्थव्यवस्था पर आधारित सभी प्रकार के सवालो को हल करने के लिए महत्वपूर्ण बिन्दुओ को ध्यान देना बेहद जरुरी है.

महत्वपूर्ण आर्थिक शाब्दावली

 राष्ट्रीय आय

यह किसी अवधि विशेष में देश की सीमा के अन्दर उत्पन्न समस्त वस्तुओं तथा सेवाओं का मौद्रिक मूल्य की  वह मात्रा है, जो दो बार गिन बिना मापी जाती हैं साधारण कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद को राष्ट्रीय  आय कहा जाता है। इसे निम्न सूत्र से परिकलित किया जा सकता है।

 राष्ट्रीय आय = ‌‌‌ शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (साधन लागत पर ) NNP(Factor Cost) 

               =   बाजार मूल्य पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद - अप्रत्यक्ष कर +‌‌‌सब्सिडी

‌‌‌               = (बाजार मूल्य पर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) + शुद्ध विदेशी आय-मूल्य ह्रास)- अप्रत्यक्ष कर + सब्सिडी

सकल घरेलू उत्पाद 

एक देश की सीमा के अंदर किसी भी दी हुई समयावधि, प्राय: एक वर्ष, में उत्पादित समस्त अंतिम वस्तुओं तथा सेवाओं का कुछ बाजार या मौद्रिक मूल्य, उस देश का सकल घरेलू उत्पाद कहा जाता है।

सकल राष्ट्रीय उत्पाद

इसका प्रयोग भी राष्ट्रीय आय लेखांकन में किया जाता है, सकल घरेलू में से यदि वह आय घटा दी जाए, जो सृजित तो देश में ही हुई है, किन्तु विदेशों को प्राप्य हैं तथा देश को प्राप्त होने वाली, किन्तु विदेशों में अर्जित आय जोड़ दी जाए तो सकल राष्ट्रीय उत्पाद  प्राप्त होता है।

शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद

सकल राष्ट्रीय उत्पाद  में से मूल्य ह्रास की राशि घटा देने के उपरान्त शुद्ध राष्ट्रीय किया जाता है।

गरीबी

सामान्यत: न्यूतम सामाजिक जीवन स्तर से नीचे की  दशा है। योजना आयोग के द्वारा गठित  Task Force on Minimum Needs and Effective Consumption Demand Report के अनुसार ग्राणिम क्षेत्र में 2400 कैलोरी तथा शहरी क्षेत्र में 2100 कैरोली का उपयोग प्रति व्यक्ति किया जाता है।

मिश्रित अर्थव्यवस्था  

ऐसी अर्थव्यवस्था जिसमें निजी तथा सरकारी दोनों क्षेत्रों का सह अस्तित्व हो

बूम

अर्थव्यवस्था में बूम  की स्थिति उस समय कही जाती हैं, जब आर्थिक क्रियाओं का तेजी से विस्तार होता है । यह मन्दी अथवा रिसेशन की विपरीत स्थिति है, माँग में वृद्धि के परिणामस्वरूप किसी उद्योग विशेष में भी बूम की स्थिति उत्पन्न हो सकती हैं।

बजट  

किसी संस्था या सरकार के एक वर्ष की अनुमानित आय-व्यय का लेखा जोखा बजट कहलाता है सरकार का बजट अव केवल आय-व्यय का विवरण मात्र ही नहीं होता, अपितु यह सरकार के क्रिया -कलापों एवं नीतियों का वितरण भी है। यह आधुनिक काल में समाजिक- आर्थिक परिर्वतन का साधन भी बन गया है।

अन्य प्रश्न 

1.भारत राष्ट्रीय आय की गणना कौन करता है—केंद्रीय सांख्यिकीय संगठन

2.ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी के आकलन के लिए किस सूचकांक को आधार माना गया है—कृषि श्रमिकों का उपभोक्त मूल्य सूचकांक

3.‘सर्वोदय योजना’ के संस्थापक कौन थे—जय प्रकाश नारायण

4.वैट’ किस प्रकार का कर है— अप्रत्यक्ष कर
5.भारत में वैट कर कब लागू हुआ— 1 अप्रैल,2005
6. करेंसी नोट प्रेस कहाँ है— नासिक
7.नरसिंहम समिति का संबंध किससे है—बैंकिंग सुधार
8.जिस नीति को देश का केंद्रीय बैंक परिणात्मक व गुणात्मक उपकरणों के माध्य से लागू करता है, उसे क्या कहते हैं— मौद्रिक नीति

📚Quiz & Learn🏇

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें